कोरबा। ज्ञान और विज्ञान की बात करें तो आदिकाल से ही भारत विश्व में सर्वोपरी रहा है। विज्ञान के मूलभूत आविष्कार इसी धरती पर हुए हैं। वेद और विज्ञान का सहारा लेकर हमारे देश के वैज्ञानिकों ने वह कर दिखाया जो विश्व के बड़े-बड़े महारथी नहीं कर पाए। उन्होंने चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर सर्वप्रथम चंद्रयान को उतारकर विश्व में इतिहास रच दिया और भारत का सिर गर्व से ऊंँचा कर दिया।
गत दिनों रायपुर के वृंदावन हॉल में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान के तत्वावधान में सम्मान समारोह एवं पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि बृजमोहन अग्रवाल (संस्कृति मंत्री, शिक्षा, संसदीय कार्यमंत्री छ.ग. शासन) अति विशिष्ट अतिथि, राजेश्री महंत राम सुंदर दास जी महाराज (पीठाधीस्वर श्री दुधाधारी मठ, रायपुर एवं शिवरीनारायण मठ) विशिष्ट अतिथि डॉ. सुशील त्रिवेदी (पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त, छ.ग. शासन) डॉ. उदयभान सिंह ( अध्यक्ष छ.ग. स्वाभिमान संस्थान, भगीरथ) सोनल शर्मा (गोल्डन बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड की छ. ग. प्रभारी), शकुंतला तरार, स्नेहलता पाठक, रामेश्वर वर्मा एवं पुस्तक के संपादक द्वय श्रीमती उर्मिला देवी और डॉ. आशा आजाद (प्रोफेसर, शासकीय महाविद्यालय, कोरबा व कई वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी) आदि की मंच पर उपस्थिति में सभा में उपस्थित देश के कोने-कोने से आए सहभागी रचनाकारों को उपरोक्त पुस्तक में सहभागिता हेतू कुल चार प्रमाणपत्र दिए गए। जो क्रमशः गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, संस्कृति विभाग छ.ग. शासन द्वारा राज्य स्तरीय सम्मान, छ.ग. स्वाभिमान संस्थान द्वारा प्रशस्ति पत्र एवम् वैदिक प्रकाशन द्वारा प्रशस्ति पत्र।
चंद्रयान 3 विश्व कीर्तिमान पुस्तक एक विश्वस्तरीय पद्य संकलन पुस्तक है जिसे मूर्तरूप देने के लिए कोरबा समेत देश-विदेश के 123 साहित्यकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हिंदुस्तान की इस अभूतपूर्व उपलब्धि की सभी रचनाकारों ने छंदबद्ध रूप में वर्णन किया है ।
इसमें कोरबा की गार्गी चौटर्जी ने जीत गए विज्ञान वेद से, जगत सकल हमसे हारा… एवम् सुश्री धु्रबोता चौटर्जी ने अभी तो केवल है शुरुआत, यह अभियान रहेगी जारी… रचना के माध्यम से अपना योगदान दिया। युवा कवियत्री धु्रबोत चटर्जी समस्त रचनाकारों में सर्वकनिष्ठ रहीं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान अपनी माताजी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से साहित्य साधना प्रारंभ की। अब तक कई सम्मेलनों में अपनी कविता पाठ कर चुकी हैं। श्रीमती गार्गी चौटर्जी कोरबा की जानी-मानी शिक्षिका है जिन्हे कोलकाता और कोरबा क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित स्कूलों एवम कॉलेज में अध्यापन का 25 वर्षो का अनुभव है। उन्होंने कहा कि मुझे स्वयं से ज्यादा अपनी पुत्री को यह सम्मान मिलने पर गर्व अनुभव हो रहा है। यह मेरा द्वितीय वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इससे पूर्व मुझे मैजिक बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड प्राप्त हो चुका है।